ट्रांसफार्मर क्या है इसका आविष्कार किसने किया और ट्रांसफार्मर किस सिद्धांत पर काम करता है इसके भाग तथा उनके कार्य तथा ट्रांसफार्मर के उपयोग और अन्य जानकारी इस पेज पर है पूरा ध्यान से पढ़िए आशा है आपको सब कुछ समझ आ जाएगा पहले कुछ सीधे सवाल जवाब –
ट्रांसफार्मर वोल्टेज को कम – ज्यादा करता है 9-0-9 ,12-0-12 ये दोनों छोटे ट्रांसफार्मर AC 240 V हमारे घर की लाइट होती है उसको बदल कर 9-0-9 नंबर का ट्रांसफार्मर 9V कर देता है 12-0-12 ट्रांसफार्मर 12V कर देता है
यह एक 9-0-9 750mA का ट्रांसफार्मर है इसमें इनपुट के 2 और आउटपुट के तीन वायर है 9V ,ग्राउंड ,9V
रेड वाले इनपुट वायर सीधे अपने बोर्ड में लगाकर हम 9V वोल्ट आउटपुट ले सकते है एक हरा और काला वायर लेकर और यदि दोनों ग्रीन वायर लेंगे तो हम 18V का आउटपुट ले सकते है |
अब याद रहे ट्रांसफार्मर वोल्टेज को कम ज्यादा करता है AC को DC नहीं करता है | तब जो 9 वोल्ट का करंट मिला है तो यह AC ही रहेगा अब इसको रेक्टिफायर के उपयोग से DC कर सकते है |
अपने बहुत जगह देखा होगा जैसे मिनी इमरजेंसी लाइट में बैटरी के पास में लगा होता है और एम्पलीफायर अदि में भी
ट्रांसफार्मर एक ऐसा स्थिर विद्युत यन्त्र है जो ऊर्जा की हानि किये बिना ही प्रत्यावर्ती वोल्टेज को कम या ज्यादा कर सकता है यह प्रत्यावर्ती धारा के वोल्टेज को कम ज्यादा करता है इसलिए इस वोल्टेज को प्रत्यावर्ती वोल्टेज कहते है ट्रांसफार्मर धारा की आवर्ती बिना बदले वोल्टेज को कम ज्यादा करता है
ट्रांसफार्मर का अविष्कार Michael faraday और जोसेफ हेनरी ने किया इसे 1831 में दुनिया को दिखाया हिंदी में ट्रांसफार्मर को परिणामित्र कहते है
इसका साधारण उपयोग जैसे ट्रांसफार्मर वोल्टेज को कम करता है जैसे कोई device 12 volt दिष्ट धारा पर चलती है तब ट्रांसफार्मर हमारे घर में आने वाली प्रत्यावर्ती धारा जिसका वोल्टेज 220 volt होता है उसे कम करके 12 volt कर देता है यह प्रत्यावर्ती धारा का 12 volt होता है
इसे स्थिर यन्त्र कहते है क्योंकि इसमें कोई भी moving part नही होता है या कोई भी पार्ट हिलता नही है ट्रांसफार्मर अन्योन्य प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है और अन्योन्य प्रेरण दिष्ट धारा में सम्भव नहीं है इस लिए ट्रांसफार्मर दिष्ट धारा को कम ज्यादा नहीं कर सकता है |
ट्रांसफार्मर का चिन्ह
किसी सर्किट में ये चिन्ह हो तो समझ सकते है यहाँ ट्रांसफार्मर लगा है
ट्रांसफार्मर के भाग
ट्रांसफार्मर की Core
ट्रांसफार्मर में core बीच में होती है यह laminated steel plates की बनी होती है जो पट्टी types की होती है इन सभी पत्तियों के बीच minimum Air Gap होता है ये भवंर धाराओं को कम करती है core के चारों ओर winding लिपटी होती है
Winding
Winding जो तारों के फेरे होते है उसे winding कहते है single phase ट्रांसफार्मर में दो winding होती है एक primary winding और दूसरी secondary winding होती है और यदि ट्रांसफार्मर three phase है तो उसमे तीन primary winding और तीन secondary winding होती है ये सभी insulated layer से एक दुसरे से contact में रहती है
ट्रांसफार्मर का Conservator tank
Conservator tank high power ट्रांसफार्मर में use होते है ये छोटे होते है आप ने जरूर देखे होंगें ये Conservator tank ट्रांसफार्मर में ऊपर की ओर होते है इसमें गर्म ट्रांसफार्मर oil ठंडा होकर बापस जाता है
ट्रांसफार्मर में Breather
यह Conservator tank से connected रहता है यह ट्रांसफार्मर की breathing साँस लेने के काम आता है ट्रांसफार्मर के अन्दर और बाहर हवा breather से ही जाती है
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ट्रांसफार्मर के Valves
ट्रांसफार्मर में valves के द्वारा ही oil डाला जाता है और valve से ही बाहर निकाला जाता है
ट्रांसफार्मर का Steel tank
steel tank ट्रांसफार्मर का अहम हिस्सा होता है core,winding etc. सब कुछ इसी के अन्दर होता है यह ट्रांसफार्मर oil से भरा होता है यह बेलनाकार या घनाकार होता है यह ट्रांसफार्मर की भीतरी बनबट पर depend करता है
ट्रांसफार्मर की Cooling Tube
Cooling Tube इनमे ट्रांसफार्मर oil बहता है यह रेडियेटर की तरह काम करके oil को ठंडा कर देती है
तापमापी
Thermometer या तापमापी ट्रांसफार्मर में ट्रांसफार्मर oil और winding का तापमान मापता है और ज्यादा बड जाने पर अलार्म बजता है
ट्रांसफार्मर का कार्य सिध्दांत
ट्रांसफार्मर किस सिध्दांत पर कार्य करता है या काम करने का सिध्दांत क्या है ट्रांसफार्मर के तीन part होते है जिसमे एक metallic core और दो winding होती है जो की बहुत ही अच्छे सुचालक धातु जैसे copper,की बनी होती है winding ट्रांसफार्मर में main role निभाती है नीचे चित्र देखे
ट्रांसफार्मर में जब प्राथमिक कुंडली मे प्रत्यावर्ती धारा प्रवाहित की जाती है तो क्रोड में चुम्बकीय क्षेत्र पैदा हो जाता है जिसका मान बदलता रहता है द्वितीयक कुंडली इसी क्रोड से लिपटी होती है इससे द्वितीयक कुंडली से गुजर रहे चुम्बकीय फ्लक्स में भी परिवर्तन होता रहता है जिससे विद्युत चुम्बकीय प्रेरण के सिद्धांत से चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन के कारण द्वितीयक कुंडली मे प्रत्यावर्ती धारा बहने लगती है
- दूसरी कुंडली मे पैदा हुई प्रत्यावर्ती धारा का मैग्नीट्यूड फ्लक्स के समानुपाती होता है
- पैदा हुई धारा की दिशा सीधे हाथ के ग्रिप नियम से ज्ञात कर सकते है
- दूसरी कुंडली मे पैदा हुई धारा की आवर्ती पहली कुंडली मे प्रवाहित की जा रही धारा के समान होगी
इस reaction से Electromagnetic Induction से Secondary coil में उसी अव्रती का Alternative voltage पैदा हो जाता है जितनी Frequency (अव्रती) का हमने primary winding में voltage लगाया था
ट्रांसफार्मर कितने प्रकार के होते है ? Hindi में
Transformer कितने प्रकार का होता है ? Hindi में ये एक अच्छा Question है ट्रांसफार्मर के प्रकार Use के लिए अलग अलग है जैसे
वोल्टेज लेवल के आधार पर ट्रांसफार्मर के प्रकार और कोर के आधार पर ट्रांसफार्मर के प्रकार,जगह के आधार पर ट्रांसफार्मर के प्रकार तथा उपयोग के आधार पर ट्रांसफार्मर के प्रकार जिनमे पॉवर ट्रांसफार्मर,मेज़रमेंट ट्रांसफार्मर,प्रोटेक्शन ट्रांसफार्मर तथा डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर है,स्टेप अप और स्टेप डाउन इत्यादि |
वोल्टेज लेवल के आधार पर ट्रांसफार्मर के प्रकार
वोल्टेज लेवल के आधार पर ट्रांसफार्मर दो प्रकार के होते है स्टेप अप ट्रांसफार्मर जो वोल्टेज लेवल को बढ़ाते है और स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर वोल्टेज लेवल को घटाते है इन दोनों के बारे में इस page पर detail में है -ट्रांसफार्मर जैसे Primary winding और secondary winding में फेरों की संख्या किस प्रकार होती है |
स्टेप अप ट्रांसफार्मर
धारा का वोल्टेज बढ़ाने के लिए स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर का उपयोग होता है स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर की प्राथमिक कुंडली में तांबे के तारों के घेरों की सख्या (बाइंडिंग) कम होती है और द्वितीय कुंडली में तांबे के तारों के घेरों की संख्या अधिक होती है जब लंबी दूरी के लिए करंट पहुंचाते हैं जैसे पावर स्टेशन से किसी शहर में तब स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर का यूज़ होता है स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर से धारा का वोल्टेज बढ़ता है धारा के मन में कोई परिवर्तन नहीं होता है |
जो ट्रांसफार्मर Voltage को बड़ाने में use होते है Hindi में Step up ट्रांसफार्मर को उच्चायी परिणामित्र कहते है इसमें Primary winding में wire के turn Np कम होते है और Secondary winding Ns में तार के फेरे ज्यादा होते है image में देख सकते है पहली winding में तार के फेरों की सख्या कम और तार की मोटाई ज्यादा है और दूसरी winding में तार पतला है और फेरों की सख्या ज्यादा है
स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर
धारा का वोल्टेज घटाने के लिए स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर का होता है जब पावर स्टेशन से बिजली आती है उसके बाद उसका वोल्टेज कम किया जाता है स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर का उपयोग करके स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर में प्राथमिक कुंडली में तांबे के तारों के घेरों की संख्या अधिक होती है और द्वितीय कुंडली में कम होती है तब वोल्टेज को कम करता है स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर से धारा के वोल्टेज का मान घटता है धारा के मन में कोई परिवर्तन नहीं होता है |
ऐसे ट्रांसफार्मर Voltage को घटाते या Decrease करते है Hindi में Step Down ट्रांसफार्मर को अपचायी परिणामित्र कहते है इसकी primary winding में wire पतला और wire के फेरे ज्यादा होते है और Secondary winding में wire के फेरों की सख्या कम होती है
Core के आधार पर Transformers के प्रकार
Core के आधार पर Transformers दो प्रकार के है इनकी detail नीचे है Transformers के बारे में आपको कुछ ज्यादा जानना है तो comment में जरूर बताएं
Iron Core Transformer in Hindi
ऐसे Transformers जिनकी Core Iron की होती है iron core Transformer कहलाते है इनकी Efficiency Air core Transformer से ज्यादा होती है Primary winding और Secondary Winding के लिए एक core जो बहुत सी iron की पतली plates को जोड़ कर बने जाती है पतली plates से बनाये जाने का कारण भवंर धारा हो कम करने का होता है
Air Core Transformer in Hindi
Air Core Transformer में Mutual Induction कम होता है iron core के मुकाबले और Flux generation iron core से ज्यादा होता है क्युकी माध्यम Air होता है भंवर धारा यानि eddy current बहुत कम या ना के बरावर होता है
जगह के आधार पर Transformers के प्रकार
Transformers जगह के आधार पर हम दो parts में बांटते है indoor Transformer और outdoor Transformer
Indoor Transformer हिंदी में
indoor Transformer हम इसके नाम से ही समझ सकते है इस types के Transformer door के अन्दर होते है जैसे की किसी factory के अन्दर या फिर उसकी छत पर या किसी ऐसी जगह जहाँ पर current का ज्यादा काम रहता है जैसे आटा चक्की और किसी shopping mall में Indoor Transformer होते है
Outdoor Transformer हिंदी में
Out Door Transformer हम अन्य सभी को कह सकते है Outdoor Transformer वह भी होता है जो हमारी गली में होता है जो power हो बांटता है और वह भी जो बिजली घर में होता है
Use या उपयोग के आधार पर Transformers के प्रकार
ऐसे Transformer जो आवश्यकता पड़ने के हिसाब से बनाये गए है जैसे सबसे पहले Electrical energy या current Generate होगा उसे मैनेज करने के लिए फिर उस current को बांटने के लिए
Power Transformer in Hindi
Power Transformer वे होते है जो Power Generation Station पर work करते है यह High Voltage पर काम करने के लिए बने होते है size बड़ा होता है तो magnetic loss भी ज्यादा होता है
Distribution Transformer in Hindi
Distribution Transformer का काम Electrical energy या बिजली को Distribute करना होता है यह उस Power या electrical energy को बांटते है जो power generation Station पर पैदा होती है यह हमारे गली मोहोल्ले में भी लगे होते है कुछ Distribution Transformer छोटे भी होते है इनको change करना और लगाना आसान होता है इनमे magnetic loss कम होता है इन पर ज्यादा लोड नहीं होता
Measurement Transformer in Hindi
measurement Transformer Current,Voltage,Power etc को मापने के काम आता है ये Electrical Energy generation Station पर होते है और बिजली घरों में भी मिल जाते है इनके प्रकार potential transformers, current transformers है
Protection Transformers in Hindi
Protection Transformer का main Purpose Electrical Components को Protect करने का होता है measurement Transformer मापते है और Protection Transformers रोकते है
ट्रांसफार्मर electric current की प्रबलता change करते है और voltage भी तभी तो Power यानि की शक्ति change नहीं होती
P = V x I
जब जैसा की मेने बताया ट्रांसफार्मर voltage change करता है और इसी काम में आता है और यह भी की power change नहीं होते ऊपर formula है power का जहाँ V=voltage और I=current जब कोई ट्रांसफार्मर voltage increase करता है तो धारा कम हो जाती है जिससे P change नहीं होती और इसी प्रकार V कम होने पर current ज्यादा हो जाता है जिससे Power change नहीं होती है
कुछ सवाल-जबाब
स्टेप अप ट्रांसफार्मर क्या है?
जिन ट्रांसफार्मर का उपयोग वोल्टेज बढ़ाने के लिए किया जाता है स्टेप अप ट्रांसफॉर्मर होते हैं|
स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर क्या है?
ऐसे ट्रांसफार्मर जिनका उपयोग वोल्टेज घटाने के लिए किया जाता है स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर होते हैं|
सिंगल फेज ट्रांसफॉर्मर क्या है?
वे ट्रांसफार्मर जिनका उपयोग सिंगल फेज की प्रत्यावर्ती धारा की पावर सप्लाई के साथ होता है सिंगल फेज ट्रांसफॉर्मर होते हैं|
थ्री फेज ट्रांसफार्मर क्या है?
वे ट्रांसफार्मर जिनका उपयोग थ्री फेज की प्रत्यावर्ती धारा की पावर सप्लाई के साथ होता है थ्री फेज ट्रांसफार्मर होते हैं
ट्रांसफार्मर की दक्षता क्या है
ट्रांसफार्मर की दक्षता क्या है ?ट्रांसफार्मर की सेकेंडरी coil को प्राप्त उर्जा और प्राइमरी coil को दी उर्जा के अनुपात को ट्रांसफार्मर की दक्षता कहते है यह अनुपात 100 होना चाहिए एक आइडियल ट्रांसफार्मर के लिए पर ऐसा नहीं होता ट्रांसफार्मर की दक्षता 65 से 90 के बीच होती है और होने वाली ट्रांसफार्मर की हानियाँ होती है जो next आप read करोगे
ट्रांसफार्मर में ऊर्जा का loss
ट्रांसफार्मर में होने वाली ऊर्जा का loss या हानी पहला है Copper Loss ट्रांसफार्मर में उपयोग होने वाली coils कॉपर की होती है करंट flow होने से ये गर्म होती है यहाँ पर ऊर्जा का loss ऊष्मा के रूप में हो जाता है ऐसे ही Iron loss,शैथिल्य हानि,magnetic flux leakage होता है ये सब ट्रांसफार्मर
ट्रांसफार्मर के उपयोग
अभी हमारे लिए बिना electric energy के रहना ! हम सोच भी नही सकते हर जगह हर काम में electric current का use होता है ट्रांसफार्मर क्या-क्या काम करता है और इसके उपयोग अनुप्रयोग क्या है
- हमारे दैनिक जीवन में Refrigerators,radio,telephone और T.V में ट्रांसफार्मर का उपयोग होता है
- कारखानों में होने वाली welding और विभिन्न प्रकार की furnaces में ट्रांसफार्मर का उपयोग होता है
- जहाँ Electric Power बनती है वहां से हमारे घरों में ट्रांसफार्मर से current की प्रबलता कम करके भेजी जाती है
- Distribution ट्रांसफार्मर का उपयोग current Distribute करने में होता है
ट्रांसफार्मर से जुड़े प्रश्नों के उत्तर
- ट्रांसफार्मर का क्रोड़ पटलित भंवर धाराओं को कम करने के लिए होता है
- यहअन्योन्य प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है
- ट्रांसफार्मर वोल्टेज बदलता है
- वोल्टेज बदलते समय यह आवर्ती नहीं बदलता है
- यह प्रत्यावर्ती धारा के लिए काम करता है
- उच्चायी ट्रांसफार्मर वोल्टेज को बड़ा देता है
- अपचायी ट्रांसफार्मर वोल्टेज को घटा देता है
- आदर्श ट्रांसफार्मर की दक्षता 100% होती है
- इन्हें दिष्ट धारा में उपयोग नहीं किये जा सकते है
- इसमें कोई हिलता हुआ भाग नहीं होता है
यह था answer transformer kya hai aur kya krta hai
Read करने के लिए thanks I Hope ट्रांसफार्मर क्या है और इसकी Working Process और ट्रांसफार्मर कितने प्रकार के होते है इनका उपयोग क्या है सारी जानकारी Hindi में मिल गई होगी इस post को article को share जरूर करें अपने school friends के साथ और Facebook,whatsapp पर नीचे share button है subscribe कर सकते है
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