कैपेसिटर एक Passive element है जो Energy को Electrical charge के फॉर्म में Store कर लेता है एक छोटी Rechargeable Battery की तरह कैपेसिटर बहुत ही कम समय में चार्ज होता है और डिस्चार्ज हो जाता है कैपेसिटर को hindi में संधारित्र कहते है और इसे कंडेनसर भी कहते है
Capacitance या धारिता की S.I unit या मात्रक farad फैराडे होती है इसे F से दर्शाते है
कैपेसिटर का अविष्कार German physicist Ewald Georg von Kleist ने किया था
कैपेसिटर एक ऐसी device है जिसके उपयोग से चालक की धारिता बड़ा सकते है
एनालॉग मल्टीमीटर डिजिटल मल्टीमीटर के उपयोग से कैपेसिटर को चेक कर सकते हैं |और कैपेसिटर के दोनों टर्मिनल को मिलाकर शार्ट सर्किट करके देख सकते है
कैपेसिटर की बनाबट
कैपेसिटर में दो Conductor Plates होती है जिनके बीच एक insulator material रख दिया जाता है इस material को dielectric material कहते है कैपेसिटर के लिए dielectric material paper,plastic,glass,rubber कुछ भी हो सकता है दोनों Conductors को metal की पतली rods से जोड़ा जाता है
कैपेसिटर कैसे काम करता है ?
कैपेसिटर कैसे work करता है या Capacitor working principal in hindi ऐसे keyword google पर मेने देखें इसलिए इस हैडिंग को मेने जोड़ा यदि Metal की एक plate को battery के Positive से connect किया जाये तो plate पर + charge आयेगा ऐसे ही एक और plate को battery के – से कनेक्ट किया जाये तो उस plate पर negative charge आयेगा अब इन दोनों plates को पास लाते है तो दोनों पर एक दुसरे के अपोजिट charge होने के कारण ये attract होंगें बीच में dielectric है तब इससे इन दोनों के बीच में एक electrostatics field पैदा हो जाएगी
अब battery हो हटा भी लेते है तो दोनों के बीच पोटेंशियल difference रहेगा अब कोई कंडक्टर को इनसे लगाने पर दोनों plates में current flow होने लगेगा कैपेसिटर energy generate नहीं करता यह स्थिर विधुत यानि Static Electricity को Store करता है जैसे यदि हम अपने बालों से pen को लगाकर किसी कागज के टुकड़े को छुएंगे तो वह pen से चिपक जाता है और फिर अलग करने के बाद दोबारा कागज को pen के पास लायेंगे तो वह नहीं चिपकता हम कह सकते है की pen discharge हो गई है ठीक इसी प्रकार
हम battery या अन्य power source से कैपेसिटर के दोनों terminal को जोड़ते है कुछ समय के लिए माइक्रो या मिली second के लिए तो कैपेसिटर charge हो जाता है और उसे use कर लेने पर वह discharge हो जाता है
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कैपेसिटर के प्रकार
Basically Capacitor दो प्रकार के होते है
- Polarized Capacitor
- Non Polarized Capacitor
Polarized Capacitor के + और – terminal को ध्यान रखना पड़ता है नहीं तो वे काम नहीं करते है और non Polarized Capacitor कैसे भी use कर सकते है नीचे Polarized Capacitor और non Polarized Capacitor के types है
Polarized Capacitor
Electrolytic Capacitor
Niobium Electrolytic Capacitor
- Solid Polymer
- Solid MnO2
Aluminum Electrolytic Capacitor
- Non Solid
- Solid Polymer
- Hybrid Polymer
Tantalum Electrolytic Capacitor
- Solid MnO2
- Solid Polymer
- Non Solid
Non Polarized Capacitor
- Metal Insulated Capacitor
- Ceramic Capacitor
- Film Capacitor
कैपेसिटर का उपयोग
कैपेसिटर को हम कंडेंसर भी कहते है इसको हम लगभग हर एक circuit में देख सकते है और fan में अपने जरूर देखा होगा कुछ uses नीचे है
- Alternating Current और Direct current Store करने में Capacitor का use होता है
- Power Factor Correction में कैपेसिटर का use होता है
- घर के fan और अन्य जगह Capacitor का उपयोग होता है
- Tuned circuit में कैपेसिटर का उपयोग होता है
- Self defense के लिए gadgets में कैपेसिटर का उपयोग होता है
- Low pass filter के लिए
- Noise Filter के लिए
- high pass filter के लिए
हमें आशा है कैपेसिटर क्या है ? full detail इसके प्रकार और उपयोग आपकी समझ आ गयी होगी इसे share करें अपने friends के साथ नीचे button है और कोई Question हो तो comment में पूछ सकते हो ऐसे ही information पाते रहने के लिए subscribe करें
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