स्प्रिंग क्या है? स्प्रिंग का उपयोग कहाँ- कहाँ किया जाता है ? और स्प्रिंग कितने प्रकार की होती है? इस विषय में हम स्प्रिंग से संबंधित
सबसे पहले हम स्प्रिंग कि परिभाषा को समझते हैं।
स्प्रिंग एक Mechanical Component और एक elastic member भी है। जब हम इस elastic member पर load लगाते हैं , तब ये deflect हो जाती है और जब इस elastic member पर से load को हटा दिया जाता है, तब ये अपने पहले वाले ऑरिजिनल Shape में वापस आ जाती है।
इसका मतलब ये है कि स्प्रिंग का deflect होना और फिर वापस से अपने पहले वाले ऑरिजिनल Shape में आ जाना applied load पर निर्भर करता है इसलिए स्प्रिंग में load का बहुत महत्व होता है।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि स्प्रिंग में Permanent deformation नहीं होता है। मतलब स्प्रिंग में हमेशा रहने वाला deformation नहीं होता है, क्योंकि स्प्रिंग में Elasticity होती है।
Elasticity , स्प्रिंग कि एक ऐसी Property है जो उसको अपने Original Shape में वापस आने में मदद करती है।
स्प्रिंग एक तरह की flexible link भी है किन्ही दो member के बीच में। स्प्रिंग को हम किसी भी दो member के बीच में उसके उपयोग और Output के हिसाब से लगाते हैं।
स्प्रिंग का एक मुख्य कार्य Energy Store करना भी होता है । स्प्रिंग अपने अंदर Energy को Potential Energy के रूप में store करती है, इसे हम Strain energy भी कहते हैं।
स्प्रिंग के प्रकार
अब हम स्प्रिंग के अलग-अलग प्रकार को समझेंगे। स्प्रिंग कई प्रकार कि होती है। पर हम इसमें स्प्रिंग के कुछ महत्वपूर्ण प्रकार को समझेंगे।
जैसे –
- Helical springs (हेलिकल स्प्रिंग)
- Conical और Volute springs (कोनिकल स्प्रिंग)
- Torsion springs (टॉरशन स्प्रिंग)
- Laminated और leaf springs (लैमिनेटेड और लीफ स्प्रिंग)
- Disc springs (डिस्क स्प्रिंग)
- Compression springs (कम्प्रेशन स्प्रिंग)
- Extension springs (एक्सटेंशन स्प्रिंग)
Helical spring (हेलिकल स्प्रिंग) –
हेलिकल स्प्रिंग एक मैकेनिकल device है। हेलिकल स्प्रिंग एक Wire से बनी हुई रहती है और इसमें जो Wire का इस्तेमाल किया जाता है स्प्रिंग को बनाने के लिए वो Wire Coiled रहता है Helix के रूप में।
यह स्प्रिंग Energy को स्टोर करती है और ये Tensile (टेंसिल) और Compressive (कॉम्प्रेसिव) load को हैंडल करने में मदद करती है। ये स्प्रिंग Shock को भी absorb करती है।
Conical और Volute springs (कोनिकल स्प्रिंग) –
यह स्प्रिंग कोनिकल Shape की होती है और इसको हम Compression spring भी कहते हैं। कोनिकल स्प्रिंग की Pitch समान होती है जबकि Volute स्प्रिंग की Pitch Paraboloid होती है और Constant भी होती है । इसका lead angle भी Constant होता है। Conical और Volute Spring के ऊपर जब भी load पड़ता है तो इनका size बहुत छोटा हो जाता है।
Torsion springs (टॉरशन स्प्रिंग) –
यह स्प्रिंग Mechanical energy को स्टोर करता है जब इसके ऊपर Twisting force लगाया जाता है। यह स्प्रिंग Helical और Spiral Shape की भी हो सकती है इस स्प्रिंग का उपयोग हम वहाँ करते हैं जहाँ हमको Twisting moment चाहिए हो।
Laminated और leaf spring (लैमिनेटेड और लीफ स्प्रिंग) –
यह स्प्रिंग ज्यादातर automobile suspension में उपयोग की जाती है । और इसके अलावा इसका उपयोग electrical switches और bows में भी किया जाता है।
इस स्प्रिंग में कई सारी flat plates होती है और इन flat plates को हम लीफस कहते हैं। और इन लीफस की length अलग-अलग होती है। और ये लीफस आपस में Clamps और Bolts की मदद से जोड़ी रहती हैं।
Disc spring (डिस्क स्प्रिंग) –
Disc spring को ज्यादातर bolts पर Tension लगाने के लिए उपयोग किया जाता है। जैसे कि इसके नाम पर जाएं तो यह डिस्क Shape की spring होती है। इस स्प्रिंग का उपयोग उच्च Compressive load को सहन करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
Compression spring (कम्प्रेशन स्प्रिंग) –
जैसा कि इनके नाम से हि पता लगाया जा सकता है कि इन स्प्रिंग का उपयोग हम वहाँ करते हैं जहाँ Compressive load लगाया जाता हो।
कम्प्रेशन स्प्रिंग के ऊपर जब भी हम Compressive load लगाते हैं, तब इनकी जो length है वो कम हो जाती है मतलब स्प्रिंग Contracts और Compress होती है।
Extension spring (एक्सटेंशन स्प्रिंग) –
इस स्प्रिंग कि जो Rings होती है वो बहुत Closely Coiled होती है। मतलब इस स्प्रिंग में जो Rings बनी होती है Coiled के समान , वो आपस में बहुत पास होते हैं। जब भी हम इस स्प्रिंग में कर्षण बल (Pulling force) लगाते हैं इनकी length की दिशा में, तब ये स्प्रिंग उस बल का विरोध करती है।
स्प्रिंग के अलग-अलग उपयोग और फक्शन्स –
स्प्रिंग को हम अपनी जरूरत के हिसाब से उपयोग में लाते हैं। Cars और railway buffers में स्प्रिंग का उपयोग Shocks और Vibrations को absorb करने में भी किया जाता है।
स्प्रिंग का उपयोग Brakes और Clutches (क्लच) में भी किया जाता है forces को लगाने के लिए और उनके motion को Control करने के लिए ।
स्प्रिंग का उपयोग स्प्रिंग बैलेंस में भी किया जाता है forces (बल) को मापने के लिए।
स्प्रिंग का उपयोग Watches और Toys में भी किया जाता है ,Toys और Watches में स्प्रिंग energy को स्टोर करने का काम करती है।
Cams और Followers का Motion Control करनें में भी स्प्रिंग का उपयोग किया जाता है , यह दो elements के बीच में Contact को बनाए रखती है।
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