रेफ्रिजरेंट क्या है ? इसके प्रकार | प्रॉपर्टी
रेफ्रिजरेंट
इस पेज पर हम यह समझेंगे की रेफ्रिजरेंट क्या होता है और यह कैसे काम करते है किसी भी Cycle में | रेफ्रिजरेंट कितने टाइप के होते है और अलग अलग प्रकार के रेफ्रिजरेंट को कैसे उपयोग किया जाता है तथा रेफ्रिजरेंट की कोन कोन से Properties होती है और इन सभी प्रोपर्टी का रेफ्रिजरेंट में क्या क्या रोल होता है | साथ ही साथ रेफ्रिजरेंट को कैसे सेलेक्ट किया जाता है किसी भी Cycle में उपयोग करने के लिए |
रेफ्रिजरेंट एक प्रकार का Fluid है जो Heat को ट्रान्सफर करने के लिए उपयोग किया जाता है रेफ्रिजरेंटिंग सिस्टम में | रेफ्रिजरेंट Evaporation के दौरान हीट को Absorb करता है Low region से टेम्परेचर और प्रेशर के और यह Condensation के द्वारा हीट को Release करता है हायर Region से टेम्परेचर और प्रेशर के | और रेफ्रिजरेंट को इस प्रकार भी समझाया जा सकता है जैसे रेफ्रिजरेंट एक प्रकार का Fluid है जो Low टेम्परेचर को Maintain करने के लिए उपयोग किया जाता है Surrounding टेम्परेचर की तुलना में | यह रेफ्रिजरेंट Cycle में लगातार Heat को निकलता है और Lower टेम्परेचर को Maintain करता है |
रेफ्रिजरेंट के प्रकार
आमतौर पर रेफ्रिजरेंट दो प्रकार के होते है – पहला प्राइमरी रेफ्रिजरेंट दूसरा सेकेंडरी रेफ्रिजरेंट |
प्राइमरी रेफ्रिजरेंट
प्राइमरी रेफ्रिजरेंट एक प्रकार के वर्किंग Substance होते है जो Cyclic प्रोसेस के दौरान Lower टेम्परेचर को Produce करते है यहाँ Refrigerant के लिए Latent Heat Of ट्रांसफॉर्मेशन होता है | प्राइमरी रेफ्रिजरेंट को डायरेक्टली वर्किंग Fluids के तौर पर उपयोग किया जाता है Vapour कम्प्रेशन और Vapour Absorption रेफ्रिजरेशन सिस्टम में | प्राइमरी रेफ्रिजरेंट के कुछ मुख्य उदाहरण है R-11, R-12 , R-22 , R-134, NH3 , co2 आदि |
सेकेंडरी रेफ्रिजरेंट
सेकेंडरी रेफ्रिजरेंट भी एक प्रकार के वर्किंग Fluids होते है यह वर्किंग Fluid उपयोग से पहले प्राइमरी Refrigerant के द्वारा ठंडे किये जाते है उसके बाद ही ये उपयोग किये जाते है कूलिंग के लिए Desired जगह पर जहा इसकी आवश्यकता होती है सेकेंडरी रेफ्रिजरेंट के मुख्य उदहारण है H2O , और Brime आदि |
रेफ्रिजरेंट की प्रॉपर्टी
रेफ्रिजरेंट के मुख्य Properties इस प्रकार है
Thermodynamics प्रॉपर्टी
Chemical प्रॉपर्टी
Physical प्रॉपर्टी
इन सभी Properties को एक एक करके समझेंगे
Thermodynamics प्रॉपर्टी
सबसे पहले Thermodynamics प्रॉपर्टी में क्या क्या फैक्टर होते है जिस पर रेफ्रिजरेंट निर्भर करता है
1 . Critical टेम्परेचर
रेफ्रिजरेंट का Critical टेम्परेचर जितना ज्यादा होगा उतना ही अच्छा वर्किंग Fluid माना जाता है इसका टेम्परेचर कम से कम Condensing प्रेशर और टेम्परेचर से तो ज्यादा ही होना चाहिए
2 . Enthalpy of Vapourisation
इसकी Enthalpy of Vapourisation जितनी ज्यादा होगी उतना ज्यादा अच्छा होता है |
3 . इसकी थर्मल Conductivity भी ज्यादा होनी चाहिए
4 . EVapourisation प्रेशर और कंडेंसर प्रेशर दोनों ही प्रेशर पॉजिटिव होने चाहिए
5 . रेफ्रिजरेंट का Low फ्रीजिंग पॉइंट होना चाहिए |
Chemical प्रॉपर्टी
1 . Toxicity – जब भी रेफ्रिजरेंट का उपयोग किया जाता है तब यह जरुरी है की वह टॉक्सिक नहीं होना चाहिए अमोनिया का नेचर टॉक्सिक होता है इसलिए उसका उपयोग नहीं किया जाता है
2 . Flammability – रेफ्रिजरेंट को Flammable नहीं होना चाहिए NH3 टॉक्सिक और Flammable दोनों होता है इसलिए इसका उपयोग इसके लिए नहीं किया जाता है
3 . रेफ्रिजरेंट का आयल के साथ एक्शन
कुछ रेफ्रिजरेंट ऐसे होते है जो आयल के साथ पूरी तरह मिश्रित हो जाते है और कुछ ऐसे भी होते है जो आयल के साथ बिलकुल भी मिश्रित नहीं हो पाते है ऐसे रेफ्रिजरेंट कोई भी परेशानी उत्पन्न नहीं करते है | पर ऐसे रेफ्रिजरेंट जो पार्शियल मिश्रित होते है मतलब इसका कुछ भाग तो आयल के साथ मिश्रित हो जाता है पर आधा भाग आयल के साथ मिश्रित नहीं हो पाता है इस तरह के जितने भी Refrigerent होते है जैसे R- 22 वह परेशानी पैदा करते है ज्यादतर चोकिंग की परेशानी आती है | आमतौर पर सिंथेटिक आयल का प्रयोग किया जाता है मिनरल आयल की जगह |
Physical प्रॉपर्टी
रेफ्रिजरेंट का उपयोग जब भी किया जाता है तो यह ध्यान में रखा जाता है की उस उस रेफ्रिजरेंट की कोस्ट कम होनी चाहिए | तथा उसकी वेलोसिटी भी कम होनी चाहिए जब भी इसका सिलेक्शन किया जाता है तो यह बात ध्यान में रखी जाती है की उसकी वेलोसिटी कम हो जिससे ये आसानी से Flow हो सके |
रेफ्रिजरेंट का Leakage नहीं होना चाहिए सिस्टम के बाहर अगर ऐसा होता है तब लीकेज को जल्दी से जल्दी डिटेक्ट कर लेना चाहिए | सिस्टम के अन्दर लीकेज को डिटेक्ट करने के लिए आसान से Method होते है जिनका उपयोग करके लीकेज का आसानी से पता लगाया जा सकता है |
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