इस article मे हम Quantum physics के बारे मे विस्तार से जानेंगे की quantum physics क्या होती है हमे quantum physics की जरूरत क्यो पड़ी, quantum physics का जन्म, परिचय व इसका विकास कैसे हुआ इन सबके बारे मे हम सरल व आसान भाषा मे समझने का प्रयास करेंगे
Quantum physics ( क्वांटम भौतिकी) –
क्वांटम भौतिकी भौतिक ,विज्ञान की वह शाखा है जिसमे सूक्ष्म कणों ( इलेक्ट्रॉन न्यूट्रॉन प्रोटॉन आदि ) का अध्ययन किया जाता है
Quantum physics को quantum mechanics व quantum field theory भी कहा जाता है
Quantum physics का परिचय –
19 वी सदी से पहले माना जाता था की प्रत्येक कण न्यूटन की गति के अनुसार व्यवहार करता है तथा विकीरण मैक्सवेल के द्वारा दी गई विद्युत चुंबकीय तरंगों के समीकरण का पालन करती है इस भैतिकी को चिरसम्मत भौतिकी कहा जाता है ( क्वांटम सिद्धांत व सापेक्षता के सिद्धांत से पहले की भौतिकी को चिरसम्मत भौतिकी माना जाता है )
पर बाद मे अनेक ऐसे तथ्य व प्रयोग जैसे कृष्णिका का ऊर्जा वितरण नियम, कॉन्पटन प्रभाव, प्रकाश विद्युत प्रभाव, घातुओ की विशिष्ट ऊष्मा सामने आये जिनकी व्याख्या या समझाने करने मे चिरसम्मत भौतिकी पूर्णतः असफल रहा
तथा इन सब की व्याख्या के लिए कुछ नियम दिये गए जिन से quantum physics की नीव डली
चिरसम्मत भौतिकी के सिंद्धांतो की quantum physics से अधिक अधिक सटीकता से व्याख्या की जा सकती है
Quantum physics का जन्म –
मैक्स प्लांक ब्लैक बॉडी रेडिएशन पर अपना प्रयोग कर रहे थे उन्होंने प्रयोग के दौरान एक नियम दिया जिसे वीन – प्लांक नियम कहा जाता है
लेकिन प्लांक ने बाद मे पाया की इस नियम से कई प्रयोगो के मान अलग अलग मिलते है उन्होंने इस पर बहुत अध्ययन के बाद क्वांटम परिकल्पना दी जिस जिसने भौतिक विज्ञान के क्षेत्र मे क्रांति ला दी इस परिकल्पना के आधार पर ही आइंस्टीन ने प्रकाश विद्युत प्रभाव की सफलता पूर्ण व्याख्या की
1918 मे प्लांक को इसके लिए नोबल पुरस्कार दिया गया
मैक्स प्लांक का क्वांटम सिद्धांत –
इस सिद्धांत के अनुसार विकिरण ऊर्जा का अवशोषण या उत्सर्जन सतत ना होकर छोटे छोटे पैकेटो के रूप मे होता है जिसमे क्वांटा कहा जाता है जिसकी ऊर्जा केवल प्रकाश की आवृति पर निर्भर करती है जिसकी ऊर्जा E = hν होती है
ऊर्जा का मान पूर्ण गुणज के बराबर होता है
जहा –
E = ऊर्जा
h = प्लांक नियतांक
ν = प्रकाश आवर्ती
प्लांक नियतांक (h) का मान 6.62 × 10⁻³⁴ जूल सेकेंड होता है
Quantum physics का विकास –
प्लांक के क्वांटम सिद्धांत से से विकिरण नियम की खोज की गयी जिसमे ब्लैक बॉडी रेडिएशन को आसानी से साझाया जा सका बल्कि लधु तरंगदैर्ध्य का विकिरण नियम, दीर्घ तरंगदैर्ध्य पर रैले जींस रेडिएशन व स्टीफन वोल्टेजमान के टोटल उत्सर्जन क्षमता के नियम की सफलता पूर्ण व्याख्या की गयी
डी ब्रोग्ली के द्वारा द्रव्य कणो की द्वैत प्रकृति परिकल्पना दी गई जिसकी व्याख्या डेविसन जर्मन प्रयोग के प्रयोगिक सत्यापन से हुई
हाइजेनबर्ग के ने अपना अनिश्चितता का सिद्धांत दिया गया जिसके अनुसार स्थिति व संवेग का एक साथ मापन करना असंभव है यह सिद्धांत quantum physics का महत्वपूर्ण सिद्धांत माना जाता है
इस प्रकार समय समय पर अनेक वैज्ञानिकों के द्वारा quantum physics मे अनेक सिद्धांत व नियम दिये गए जिस से क्वांटम भौतिकी का विकास हुआ
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