इस पेज पर Flywheel या गतिपाल पहिया क्या है यह कैसे काम करता है इसका कार्य सिध्दान्त यह कितने प्रकार का होता है जिनमे रिम और डिस्क प्रकार के फलीव्हील समझाएं है
इसका मैकेनिकल डिवाइस में कैसे उपयोग किया जाता है साथ ही साथ इसमें फ्लक्चुएशन ऑफ एनर्जी, Mean Torque और मैक्सिमम फ्लक्चुएशन ऑफ स्पीड को भी समझेंगे और इनके लिए सूत्र की स्थापना को समझेंगे तथा इसके बाद मैक्सिमम फ्लक्चुएशन ऑफ एनर्जी और फ्लाईव्हील का उपयोग पॉवर प्रेस में कैसे होता है यह समझेंगे साथ ही साथ इसकी कुछ Fundamental Equation भी समझेंगे |
गतिपाल पहिया , Flywheel या गतिपाल चक्र ऐसी मैकेनिकल युक्ति है जो रोटेशनल एनर्जी या घूर्णन एनर्जी स्टोर करती है या कहे काइनेटिक एनर्जी या गतिज ऊर्जा अपने मे समाहित कर लेती है
Flywheel किसी भी घूमते हुए साफ्ट से जुड़ा होता है यह एक भारी बड़ा पहिया होता है जो cast iron या ढलवा लोहे का बना होता है
फ्लाईव्हील क्या है
फ्लाईव्हील एक मैकेनिकल डिवाइस है जो फ्लक्चुएशन को कम करने में मदद करती है फ्लाईव्हील Cycle के Strokes के दौरान आउटपुट शाफ्ट के स्पीड फ्लक्चुएशन कम करने का काम करती है इसको एक तरह का एनर्जी रिजर्वायर भी कहा जाता है क्योंकि फ्लाईव्हील अधिक एनर्जी को स्टोर करने का काम करती है पॉवर स्ट्रोक के दौरान और व साथ ही साथ एनर्जी को Release भी करती है Idle Stroke के दौरान इसका मुख्य काम एनर्जी को Deliver करना होता है Desired स्पीड पर |
Flywheel का कार्य सिध्दांत
फ्लाईव्हील इंजन के आउटपुट सॉफ्ट से भी जुड़ा होता है हम जानते हैं कि इंजन से मिला आउटपुट हमेशा एक जैसा नहीं होता आउटपुट शाफ़्ट की स्पीड बढ़ती घटती रहती है और किसी भी वाहन को एक जैसी स्पीड की जरूरत होती है फ्लाईव्हील इसी स्पीड को एक जैसा रखने में काम आता है
इंजन से मिला आउटपुट यदि हमारी वाहन की जरूरत से ज्यादा है तो वह फ्लाईव्हील इससे स्टोर कर लेगा और जब इंजन से मिल आउटपुट कम होगा उस समय यह उस आउटपुट से स्टोर किया हुआ आउटपुट मिला के वाहन को देगा जिससे वाहन को मिली पावर एक जैसी रहती है
Flywheel के प्रकार
Flywheel जरूरत के हिसाब से अलग अलग होती है कुछ प्रकार नीचे दिए गए है
Rim Type Flywheel
Rim Type Flywheel ऐसा flywheel है जिसका ज्यादा से ज्यादा भार व्हील के rim पर या परिधि पर होता है इसलिए इस प्रकार के flywheel का उपयोग ज्यादा किया जाता है
Disc Type Flywheel
डिस्क टाइप फलीव्हील डिस्क जैसा ही होता है इसमे भार वितरित पूरे क्षेत्रफल पर किया जाता है डिस्क की तरह इस प्रकार का flywheel रिम प्रकार के फलीव्हील से अच्छा नही होता है क्योंकि इसकी विघूर्णन त्रिज्या रिम प्रकार की फलीव्हील से कम होती है इसका उपयोग भी कम किया जाता है
Flywheel या गतिपाल पहिया यहां पर समझाया गया है आपको अच्छी लगी होगी इसे शेयर जरूर करें जिन टॉपिक्स पर आप notes पड़ना चाहते है तो कमेंट करें आपका question हो तो नीचे कर सकते है
फ्लाईव्हील में स्पीड वेरिएशन क्या है
जब भी डिमांड Constant रहती है और वेरिएबल Torque को सप्लाई किया जाता है और साथ ही साथ जब डिमांड वेरिएबल Torque होती है और Torque की सप्लाई Constant रहती है इन दोनों ही केस में सप्लाई और डिमांड Mismatch रहती है इसी वेरिएशन को सप्लाई और डिमांड का स्पीड वेरिएशन कहते है |
फ्लक्चुएशन ऑफ एनर्जी
फ्लक्चुएशन ऑफ एनर्जी को आमतौर पर Turning Moment Diagram से समझा जा सकता है एक सम्पूर्ण Cycle of Operation के लिए | जब भी किसी मैकेनिकल डिवाइस के एक सम्पूर्ण Cycle का फ्लक्चुएशन ऑफ एनर्जी को समझना या निर्धारित करना हो तब उसके लिए Turning Moment Diagram को समझा जाता है उस मैकेनिकल डिवाइस के लिए |
Mean Torque सिंगल सिलिंडर Double एक्टिंग स्टीम इंजन के लिए
Tmean = Mean Torque = Wcycle / 2 π
Mean Torque सिंगल सिलिंडर 4 स्ट्रोक I.C. इंजन के लिए
Tmean = Mean Torque = Wcycle / 4 π
W = Work Of Cycle
मैक्सिमम फ्लक्चुएशन ऑफ स्पीड
Greatest Speed और Least Speed के बीच के अंतर को मैक्सिमम फ्लक्चुएशन ऑफ स्पीड कहते है किसी भी मैकेनिकल डिवाइस के लिए |
मैक्सिमम फ्लक्चुएशन ऑफ स्पीड = N max – N min
N = Mean Speed
मैक्सिमम फ्लक्चुएशन ऑफ स्पीड और Mean स्पीड के बीच के अनुपात को Coefficient ऑफ फ्लक्चुएशन ऑफ स्पीड कहते है
इसको इस सूत्र से भी लिखा जा सकता है
Coefficient ऑफ फ्लक्चुएशन ऑफ स्पीड (Cs) –
Cs = N max – N min/ N mean (N mean = Mean स्पीड ऑफ इंजन )
मैक्सिमम फ्लक्चुएशन ऑफ एनर्जी
इसकी मैक्सिमम और मिनीमम काइनेटिक एनर्जी के बीच के अंतर को मैक्सिमम फ्लक्चुएशन ऑफ एनर्जी कहते है | इसको ( ΔE ) max से लिखा जाता है
इसका सूत्र –
( ΔE ) max = E max – E min और ( ΔE ) max = Iꞷ²Cs
पॉवर प्रेस में फ्लाईव्हील की आवश्यकता या जरुरत क्यों पड़ी
आमतौर पर इसका उपयोग फ्लक्चुएशन ऑफ स्पीड को कम करने के लिए किया जाता है | क्योंकि जब क्रेकशाफ्ट पर जो लोड रहता है वह Constant या Vary करता है और क्रेकशाफ्ट का इनपुट टार्क लगातार Vary करता है एक Cycle के दौरान तब इसका उपयोग किया जाता है साईकल के फ्लक्चुएशन को कम करने के लिए |
इसको Punching Press और Reverting Machine में भी उपयोग किया जाता है फ्लक्चुएशन को कम करने के लिए क्योंकि Punching Press और Reverting Machine में जो टार्क Available रहता है वह Constant रहता है और Load Vary करता है एक साईकल के दौरान इसलिए फ्लाईव्हील का उपयोग Presses में भी किया जाता है |
फ्लाईव्हील के लिए Fundamental Equations
जब फ्लाईव्हील रिंग के शेप की हो –
Ring = R
I = mR²
जब फ्लाईव्हील Disc के शेप की हो
Disk = R = R / √2
I = mR²/2
m = फ्लाईव्हील का मास
R = Radius Of Gyration
I = mR²
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