Casting Process क्या है? और परिभाषा ?Casting Process क्यों करते हैं, और इस Process की जरूरत क्यों पड़ी ? Casting के Advantages और casting के Limitations Gating system क्या है?मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस के इस Topic में हम इन सभी को एक-एक करके सभी को समझेंगे।
सबसे पहले हम Casting Process क्या है? और उसकी परिभाषा को समझेंगे
Casting process In Hindi
Casting Process एक प्रकार का Manufacturing Process है जिसमें कच्चा (raw) material और आधा Finished Products को Finished Products में बदला जाता है। इस प्रकार के Process में हम कच्चे material में कुछ Value addition करते हैं और कुछ अलग- अलग प्रकार के Process करके Products में , जिससे हमारा जो Product बनकर तैयार होता है, उसकी Market Value ज्यादा हो जाती है और वो Products हमारे लिए बहुत उपयोगी हो जाता है।
Casting की परिभाषा
आसान शब्दों में कहा जाए तो Casting एक Primary Manufacturing Process है , जिसमें पिघला हुआ तरल Metal को Solidify करते हैं पहले से बने हुए Mould Cavity में।
यह एक Additive Process है, इस Casting Process में केवल Mould Use किया जाता है क्योंकि Mould की refractoriness Properties बहुत अच्छी होती है।
इस Process में हम तरल Metal का उपयोग करते हैं, क्योंकि तरल धातु की Fluidity Property बहुत ज्यादा अच्छी होती है।
Casting में हम तरह – तरह के प्रकार के Alloys का उपयोग करते हैं Products को बनाने के लिये क्योंकि Alloys की Properties ज्यादा अच्छी होती है एक अकेले धातु से।
Casting Process से बड़े Shapes and sizes के Objects बनाए जा सकते हैं, जैसे Gear Box , Road Rollers etc. इससे हम 3-D Objects भी बना सकतें हैं।
Casting Process क्यों करते हैं ?
Casting Process क्यों करते हैं ? और इस Process की जरूरत क्यों पड़ी ?
आज के युग में हम हर तरह से Casting Process पर निर्भर हैं क्योंकि Casting के बिना ना तो हम Cars के Parts बना सकते हैं , ना Aeroplanes के , ना Turbines , ना Pumps , ना Valves और भी बहुत से उपयोगी Objects. Casting process एक बहुत ही महत्वपूर्ण Role Play करती है Manufacturing industries में।
इस Casting Process की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि इस Casting Process से हम बहुत Heavy Objects बना सकतें हैं। और इस Process से Scrap Metal को re – cycle करके फिर से एक महत्वपूर्ण Components या Objects बनाया जा सकता है।
Casting Process से Objects बनाने के लिए हमको Moulds की आवश्यकता पड़ती है। जिसे हम Mould Box भी कहते हैं ।
ये दो Box और तीन Box प्रकार के होते हैं। इसमें ऊपर वाले को cope कहते हैं और नीचे बाले को Drag कहते हैं। और जो Line इस दोनों को विभाजित करती है उसे Parting Line कहते हैं।
तीन बॉक्स mould
इसमें ऊपर वाले को Cope कहते हैं और नीचे वाले को Drag कहते हैं और बीच वाले Box को Cheek कहते हैं।
Casting Process को करने के लिए Sand Mould का Use किया जाता है, इसमें तरल धातु (Molten Metal) को Mould Cavity में डाला जाता है, Gating system की मदद से । Gating system बहुत महत्वपूर्ण Role निभाता है High Quality Casting बनाने के लिए। अगर Gating Designe खराब होगा तब हमारी Casting में Defects आ जाते हैं। Gating system का मुख्य Function Molten Metal को cavity तक पहुँचाना होता है, और निर्धारित करता है कि Molten Metal Cavity को Smoothly , Uniformly पूरी तरह से भर दे।
Gating system क्या है ?
Gating system कुछ विधियों और tools का ऐसा set है या डिज़ाइन है जिसकी सहायता से कास्टिंग प्रोसेस में पिघली धातु को mould cavity में बिना रुकाबट के डाला जाता है जिससे casting से बना ऑब्जेक्ट अच्छा बनता है |
- Pouring Basin
- Sprue
- Runner
- Gate (Ingate)
- Riser
Pouring Basin एक Funnel के Shape की Opening होती है, और Mould के Top पर बनी होती है। इसका मुख्य कार्य तरल धातु को Directly Flow कराना होता है Sprue के अंदर।
Sprue एक Vertical रास्ता होता है , जो Pouring Basin को Runner से जोड़ता है। Sprue का Cross – Section square , rectangle या Circular भी हो सकता है। Air Aspiration effect से बचने के लिए ideal shape Sprue का Parabola होता है। पर Manufacturing परेशानियों को कम करने के लिए Sprue का Shape Tappered Cylinder बनाया जाता है।
Runner एक लंबा Horizontal channel होता है जो तरल धातु को Gate तक पहुंचाने का काम करता है। और ये सुनिश्चित करता है कि तरल धातु (Molten Metal) Cavity में अच्छे से भरा है कि नहीं।
Gate (Ingate) Liquid Metal के Flow को Control करता है , जो Cavity के अंदर भरा जाता है। Gate अलग – अलग संख्या में उपयोग किये जाते हैं Casting के Size के हिसाब से।
Riser , Gating system में एक महत्वपूर्ण कार्य करता है। ये तरल धातु को Cavity के भीतर भरने का काम करता है। जब Metal Solidifies हो जाता है Cavity में। Riser कमी पूर्ति करता है Losses के जो Shrinkage के कारण आते हैं Casting के Cool होने पर।
दो प्रकार के Riser उपयोग किये जाते हैं।
- Side Riser
- Top Riser
Casting के Advantages
- Casting से जटिल (Complex) Shapes के Objects आसानी से बनाये जा सकते हैं।
- इसमें जो Tool इस्तेमाल किये जाते है वो कम Expensive होते हैं, दूसरी Process की तुलना में।
- किसी भी तरह के Material को Cast किया जा सकता है। जैसे कि Ductile और Brittle Material
- बड़े Size के Objects केवल Casting से भी बनाये जा सकतें हैं। लगभग 200 – 250 T के वजन तक के Objects बनाए जा सकतें हैं।
- Casting से Machine Tool Bed , Turbine Housing , Gear Box Housing , Road Rollers आदि बनाए जाते हैं।
Casting की Limitations
इस Process में Material की Strength काफी कम होती है। क्योंकि इससे बनने वाले Objects में Porosity ज्यादा होती है इस Process से Casting की Surface Finish बहुत कम मिलती है। कम Dimensional accuracy वाले Products बनते हैं, क्योंकि इस Process में Shrinkage और Poor Surface मिलता है।
इस Process में बहुत ज्यादा मेहनत और समय लगता है। इस Process में Gas defects होने की बहुत ज्यादा संभावना होती है। इस Casting Process में एक समान Cooling नहीं होती है , इसलिए इससे बनने वाले Objects की mechanical Properties भी एक समान नहीं होती है।इस Casting Process में हमकों secondary Operation भी करना पड़ता है, क्योंकि secondary Operation के बाद ही हमको Close Tolerence और अच्छी Surface Finish और अच्छी Dimensional accuracy मिलती है। Sand Casting में सभी Metal को इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं Objects को बनाने के लिए , क्योंकि इस Sand Casting में जो Sand उपयोग की जाती है , उसमें थोड़ी बहुत नमी (Moisture) भी होता है , जिससे हमारा Object बनना मुश्किल हो जाता है।
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