विवर्तन क्या है ? इसके प्रकार को समझाइए
आज के इस टॉपिक में हम विवर्तन ( Diffraction ) के बारे में समझेंगे जिसमे हम विवर्तन की घटना को Detail में समझेंगे जिसमे हम देखेंगे की विवर्तन क्या होता है और आखिर विवर्तन की यह घटना किस प्रकार होती है इसको प्रायोगिक Method से समझेंगे और इसके बाद हम इसके प्रकार को समझेंगे जिसमे हम फ्राउनहोफर विवर्तन (Fraunhofer Diffraction ) तथा दूसरा होता है फ्रेनेल विवर्तन ( Fresnel Diffraction ) इनके बारे में जानेंगे तो चलिए समझना शुरू करते है की विवर्तन क्या होता है ? और इसके प्रकार क्या होते है
विवर्तन | Diffraction In Hindi
प्रकाश की तरंग द्वारा विवर्तन की घटना को प्रदर्शित करना एक साधारण घटना है और इसको हम अपने Daily Life में कई जगहों पर देख सकते है क्योंकि यह एक ऐसी घटना है जिसमे प्रकाश अपने Path में किसी अवरोध के आने पर उसके किनारों की और मुड जाता है अर्थात विवर्तन एक ऐसी घटना है जिसमे जब भी किसी प्रकाश तरंग के Path में कोई अवरोध आ जाता है तो यह प्रकाश इस अवरोध के किनारों की और मुड जाता है इस घटना को ही विवर्तन कहते है |
परन्तु विवर्तन की घटना के लिए एक आवश्यक शर्त भी होती है और वह शर्त यह होती है की जो भी अवरोध स्त्रोत से निकलने वाले प्रकाश के रास्ते में आ रहा है उसका आकार प्रकाश की तरंग की तरंगदेर्ध्य की कोटि का होना चाहिए इस प्रकार यह विवर्तन की घटना होती है |
विवर्तन की घटना का होना एक अध्यारोपण की प्रक्रिया है इस बात का मतलब यह है की एक ही स्त्रोत के विभिन्न बिन्दुओं से प्राप्त तरंगो के अध्यारोपण से यह घटना होती है और साथ ही साथ विवर्तन की घटना से प्राप्त फ्रिन्जें भी एक समान चौड़ाई की नहीं होती है और सभी फ्रिन्जों की चमक भी अलग –अलग होती है |
अब हम एक चित्र की सहायता से विवर्तन की घटना को विस्तार पूर्वक समझते है
ऊपर दिए गए चित्र में एक प्रकाश स्त्रोत है जिसे चित्र में S से दर्शाया गया है , तथा चित्र में दर्शाए गए अनुसार स्त्रोत से कुछ दूरी पर एक पर्दा लिया गया है जिसे चित्र में XY नाम दिया गया है अब अगर हम प्रकाश स्त्रोत और पर्दे के बीच एक अवरोध रख देते है जिसमे एक छोटा सा छिद्र है जिसे AB नाम दिया गया है |
अब जब इस अवरोध को प्रकाश स्त्रोत S से प्रकाशित किया जाता है तो प्रकाश छिद्र AB से होते हुए पर्दे पर पहुँचता है और इस प्रकार हम देखते है की पर्दे पर प्रकाश A’B’ भाग तक फेल जाता है और इस प्रकार पर्दे का A’B’ भाग प्रकाशित हो जाता है इस प्रकार विवर्तन की घटना को आसानी से समझा जा सकता है और इस प्रकार यह घटना होती है | अब हम इसके प्रकार को समझेंगे |
विवर्तन के प्रकार
विवर्तन की घटनाओं को दो भागों में बांटा जाता है जिनमे से एक होता है फ्राउनहोफर विवर्तन (Fraunhofer Diffraction ) तथा दूसरा होता है फ्रेनेल विवर्तन ( Fresnel Diffraction ) अब इनको Detail में समझेंगे
फ्राउनहोफर विवर्तन (Fraunhofer Diffraction )
फ्राउनहोफर विवर्तन (Fraunhofer Diffraction ) एक ऐसी घटना होती है जिसमे Source और पर्दे के बीच की दूरी बहुत अधिक होती है अर्थात जब पर्दा Source या फिर अवरोध से अधिक दूरी पर होता है तब ऐसी Condition में Source और पर्दे को दो लेंसों के फोकस तलों में रखते है और फिर पर्दे पर अवरोध की प्रतिछाया बनती है और इस प्रकार के विवर्तन में आपतित तरंगाग्र भी समतल प्रकृति का होता है |
फ्रेनेल विवर्तन ( Fresnel Diffraction )
फ्रेनेल विवर्तन ( Fresnel Diffraction ) एक ऐसी घटना होती है जिसमे Source और पर्दे के बीच की दूरी बहुत कम होती है अर्थात जब पर्दा Source या फिर अवरोध से कम दूरी पर होता है तो इस Condition में किसी भी प्रकार के लेंसों की आवश्यकता नहीं होती है और इस प्रकार पर्दे पर अवरोध की प्रतिछाया बन जाती है इस प्रकार की विवर्तन घटना के लिए आपतित तरंगाग्र गोलाकार एवं बेलनाकार प्रकृति का होता है |
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