पृथ्वी एक ऐसा ग्रह है जहाँ जन जीवन फल व फूल सकता है विज्ञान की बात करे तो हमारे पुरे ब्रह्मांड मे पृथ्वी के अलावा भी कई ऐसे ग्रह मौजूद है जहाँ जीवन हो सकता है क्या पता वहा पर पृथ्वी से पहले भी जीवन मौजूद हो और वो हम से ज्यादा उन्नति कर रहा हो जिस ग्रह के बारे मे वैज्ञानिक पृथ्वी के बाद जानते है तो वो ग्रह है मंगल ग्रह ग्रह एक ऐसा ग्रह है जो सौर मंडल मे हमारी पृथ्वी से मिलता जुलता है
Mars Planet – मंगल ग्रह के बारे में कहा जाता है कि इस ग्रह का नाम मंगल युद्ध के देवता के ऊपर रखा गया है तथा इस ग्रह का रंग लाल होने की वजह से इसे लाल ग्रह भी कहा जाता है मंगल ग्रह काफी मात्रा में कार्बन डाई ऑक्साइड गैस से बना हुआ है यहां पर कपकपाती ठंड और धूल से भरी आँधी का गुबार और बवंडर उठता रहता है लेकिन मंगल ग्रह की भौगोलिक स्थिति काफी अच्छी है खाशकर गर्मियों में यहां सबसे ज्यादा तापमान होता है 27 डिग्री सेल्शियस और सर्दियों में यहां का तापमान -133 डिग्री सेल्शियस तक चला जाता है मंगल ग्रह का अधिकतम तापमान 30⁰C व न्युन्तम तापमान – 140⁰C होता है तथा इसका गुरुत्व बल पृथ्वी की तुलना मे 62.5% है यहा पर 96% Co₂ पायी जाती है
मंगल ग्रह पर सौर परिवार का सबसे बड़ा पर्वत है तथा यहां की घाटियाँ इतनी बड़ी हैं कि अगर यह प्रथ्वी पर होती तो यह न्यूयॉर्क से लॉस एंजिलिस तक फैला होता अगर यहां की सतह की बात करें तो यह रूखी और पथरीली है मंगल ग्रह पर जमीन खिसकने की घटनायें भी आमतौर पर होती रहती है।
1960 के दशक में पहली बार अंतरिक्ष यान को मंगल ग्रह के सतह की पूरी तस्वीर खींची जा चुकी थी मंगल का वातावरण प्रथ्वी की तुलना में पतला है और इसमें सबसे बड़ा हिस्सा है कार्बन डाई ऑक्साइड का तथा इसमें 0.13% सिर्फ ऑक्सीजन ही है मंगल ग्रह का आकर पृथ्वी के आकर से आधा है
मंगल ग्रह का गुरुत्वाकर्षण प्रथ्वी की तुलना में काफी कम है लेकिन इनके अंतर के बावजूद भी मंगल ग्रह सौर परिवार में किसी अन्य ग्रह की तुलना में काफी कुछ प्रथ्वी जैसा ही है यही कारण है कि मंगल ग्रह पर अभियान तेज होने लगे हैं और यहां पर जीवन की तलाश की जा रही है। मंगल ग्रह पर कई उपग्रह भेजे गये जिसमे भारत का भी योगदान है जिस से मंगल ग्रह के नक्से को समझने मे बहुत मदद मिली पृथ्वी का एक दिन 24 घंटे का होता है और मंगल पर 24.37 घंटे का जो लगभग हमारे पृथ्वी के बराबर ही है मंगल ग्रह की मिट्टी भी पृथ्वी की ही तरह सिलिकेट की बनी हुई है अमेरिका के द्वारा भेजे गए वाइकिंस यान द्वारा पता चला कि यहां कभी पानी बहता था यह बहुत ठंडा ग्रह है यहा पर जीवन के कोई ठोस नही मिले पर मंगल की तस्वीरो से पता चलता है यहा कभी जीवन रहा होगा
मंगल ग्रह सौर मंडल का चौथा ग्रह है इसका व्यास 4220 mile है इसके दो खोगोश व डिमोश नाम के उपग्रह है
अतः अभी मंगल ग्रह के बारे में और जानकारी हासिल करनें की कोशिश की जा रही है क्योंकि जितनी भी जानकारी अभी है उतनी कम ही है क्या मंगल ग्रह पर प्रथ्वी ग्रह जैसा ही बड़ा महासागर है क्या वहां किसी रूप में जीवन है और क्या मनुष्य कभी मंगल ग्रह पर जाकर स्थायी रूप से रह सकेंगे तथा इन सभी सवालों का जवाब मिलना अभी वाकी है वैसे प्राचीन भारतीय ग्रंथ ब्रह्म वैभव पुराण में मंगल ग्रह को प्रथ्वी पुत्र कहा जाता है।
मंगल ग्रह के बारे में सामान्य ज्ञान और कुछ रोचक तथ्य –
1. बुध ग्रह के बाद मंगल ग्रह हमारे सौर मंडल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह है।
2. मंगल ग्रह का वायुमंडल इतना कमजोर है कि अंतरिक्ष से मंगल ग्रह पर रेडियोएक्टिव किरणों की बमबारी होती रहती है।
3. मंगल ग्रह की सतह का लाल नारंगी रंग लोह ऑक्साइड यानी फैरिक ऑक्साइड के कारण है जिसे सामान्यतः हेमेटाइड या जंग के रूप में जाना जाता है।
4. सिलिकॉन और ऑक्सीजन के अलावा मंगल की परत में बहुत मात्रा में पाये जाने वाले तत्व है जैसे मैग्नीशियम , एल्युमिनियम , कैल्शियम , और पोटेशियम आदि।
5. मंगल ग्रह की सतह मुख्यतः Tholetic Basalt की बनी हुई है।
6. मंगल ग्रह पर कोई महासागर न होने की बजह से उसका कोई समुद्री स्तर ही नहीं है।
7. मंगल ग्रह को प्रथ्वी से नंगी आंखों से देखा जा सकता है।
8. यह ग्रह प्रथ्वी की तुलना में सूर्य से डेढ़ गुना ज्यादा दूर है परिणामस्वरूप मात्र 43% सूर्य प्रकाश ही मंगल ग्रह पर पहुँच पाता है।
9. मंगल ग्रह हर 687 दिनों में सूर्य का एक चक्कर काट लेता है इसलिए मंगल का एक साल धरती के लगभग दो साल के बराबर है।
10. मंगल प्रथ्वी के व्यास का लगभग आधा है और प्रथ्वी से कम घना है।
11. मंगल का वायुमंडल 95% कार्बन डाई ऑक्साइड, 3% नाइट्रोजन, 1.6% आर्गन, से बना है ऑक्सीजन और पानी भी बहुत कम मात्रा में इस ग्रह पर मौजूद हैं।
12. सौर मंडल का सबसे बड़ा ज्वालामुखी मंगल ग्रह पर मौजूद है इस ज्वालामुखी का नाम Olympus mons है और ये ज्वालामुखी माउण्ट एवरेस्ट से तीन गुना ज्यादा बड़ा है।
13. मंगल ग्रह का औसतन तापमान -55 डिग्री सेल्सियस है शर्दियों के दौरान यहां का तापमान -87 डिग्री सेल्सियस हो जाता है जबकि गर्मियों के मौसम में यहां पर -5 डिग्री सेल्सियस जितना तापमान हो जाता है।
14. मंगल ग्रह पर वातावरण का दबाव धरती की तुलना में बहुत कम है इसलिए इस ग्रह पर रहना बहुत मुश्किल है।
15. मंगल की सतह पर धूल भरे तूफान हमेशा उडते रहते हैं कभी-कभी ये तूफान पूरे मंगल ग्रह को ढक लेते हैं।
16. मंगल का अक्षीय झुकाव 25.19 डिग्री है जो कि प्रथ्वी के अक्षीय झुकाव से थोड़ा अधिक है।
17. मंगल का एक दिन 24 घण्टे से थोड़ा ज्यादा का होता है।
18. प्रकृति के इन अजूबों के साथ-साथ मंगल पर एक दिन में अतिरिक्त 37 मिनिट भी होते हैं।
19. मंगल की ऋतुएं प्रथ्वी की जैसी ही है हालांकि मंगल पर ये ऋतुएं प्रथ्वी से 2 गुना ज्यादा लम्बी है।
20. मंगल के दो चंद्रमा है इनके नाम Phobos और Deimos है Phobos , Deimos से थोड़ा बड़ा है ये दोनों छोटे और अन्यमित आकर के है।
21. Phobos धीरे-धीरे मंगल ग्रह की ओर झुक रहा है हर सौ साल में यह मंगल की ओर 1.8 मीटर झुक जाता है ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 5 करोड़ साल में ये Phobos मंगल से टकरा जाएगा या फिर टूट जाएगा और मंगल के चारों ओर एक घेरा बना लेगा।
22. Phobos का गुरुत्वाकर्षण धरती के गुरुत्व आकर्षण का 1000 वां हिस्सा है इसे हम ऐसे समझ सकते हैं कि धरती पर किसी व्यक्ति का वजन 59KG है तो उसका वजन Phobos पर सिर्फ 59 ग्राम होगा।
23. मंगल ग्रह का गुरुत्वाकर्षण धरती के गुरुत्वाकर्षण का एक तिहाई है यानी यदि प्रथ्वी पर किसी व्यक्ति का वजन 100KG है तो मंगल पर कम गुरुत्वाकर्षण के कारण उसका वजन मात्र 37KG की रह जायेगा।
24. कम गुरुत्वाकर्षण के कारण यदि मंगल पर कोई चट्टान अगर गिरे तो वह धरती के मुकाबले बहुत धीमें रफ्तार से गिरेगी।
25. अपने भौगोलिक विशेषताओं के अलावा मंगल के घूर्णन काल या Period of Rotation और मौसमी चक्र यानी Weather Cycles प्रथ्वी के समान है।
26. मंगल ग्रह की सतह और पत्थर एकदम धरती की सतह और पत्थर जैसे ही है वैज्ञानिकों का कहना है कि मंगल के वातावरण का बहुत ठंडा होने के बावजूद धरती पर मौजूद कुछ बैक्टेरिया वहां पर जीवित रह सकते हैं।
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