इस artucle मे हम द्रव्यमान केंद्र के बारे मे जानेंगे की द्रव्यमान केंद्र क्या होता इसके क्या उदाहरण है इसका सूत्र इन सब को सरल व आसान भाषा मे समझने की कोशिश करेंगे
द्रव्यमान केंद्र –
किसी पिंड या पिंडों के निकाय का वह बिंदु जिसमें निकाय का संपूर्ण द्रव्यमान केंद्रित हो उस पिंड का द्रव्यमान केंद्र कहलाता है।
बिंदु के सापेक्ष निकाय का संपूर्ण द्रव्यमान समान रूप से वितरित होने के कारण इस बिंदु को द्रव्यमान केंद्र कहा जाता है।
द्रव्यमान केंद्र ज्ञात करना:-
सर्वप्रथम हम एक निर्देश तंत्र की कल्पना करते हैं जिसमें हम m1 व m2 द्रव्यमान के दो पिंड लेते हैं। जिनकी ( निर्देश बिंदु ) से क्रमशः दूरी r1 तथा r2 है।
द्रव्यमान केंद्र का सूत्र निम्न प्रकार है।
Rcm = m1r1+ m2r2 / m1+ m2
उदाहरण
जैसा कि हम जानते हैं कि प्रत्येक पदार्थ अनेक कणों से मिलकर बना होता है जब किसी गेंद को फेंकते हैं तो उसमें उपस्थित सभी कण एक समान गति नहीं करते हैं इसलिए एक कण की गति से अन्य कणों की गति के बारे में नहीं पता लगाया जा सकता। लेकिन गेंद में ऐसा बिंदु होता है। जिसकी गति ऐसी होगी। जो बिल्कुल गेंद की गति के समान होगी। अतः वह बिंदु कण की संपूर्ण गति को दर्शाता है।इस बिंदु को गेंद का द्रव्यमान केंद्र कहते हैं।
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