थर्मोडायनेमिक्स का द्वितीय नियम क्या है ?
थर्मोडायनेमिक्स का द्वितीय नियम
इस पेज पर हम यह समझेंगे की थर्मोडायनेमिक्स का द्वितीय नियम क्या है | थर्मोडायनेमिक्स का द्वितीय नियम हीट और वर्क के बारे में बताता है जिसमे हम हीट को Low ग्रेड एनर्जी तथा वर्क को High ग्रेड एनर्जी कहते है | यह नियम हमको एनर्जी की Quality के बारे में भी बताता है इस नियम के अंतर्गत यह कहा गया है की हम किसी भी Cyclic प्रोसेस के लिए पूरी Heat Energy को वर्क में नहीं बदल सकते है Cyclic प्रोसेस के दौरान Heat का कुछ लोस होता ही है | पूरी एनर्जी को 100 प्रतिशत Efficiency में नहीं बदला जा सकता है |
द्वितीय नियम हमको एनर्जी की दिशा बताता है की एनर्जी का Flow किस दिशा में हो रहा है |
थर्मोडायनेमिक्स का द्वितीय नियम के दो कथन है जिसमे से पहला है –
Kalvin Plank का कथन – यह कथन यह बताता है की कोई भी डिवाइस ऐसी नहीं है की लगातार Work Produce करे जब हीट का Exchange केवल एक ही Reservior से हो |
तथा दूसरा है
Clausis का कथन – यह कथन यह बताता है की हम किसी भी Condition में Heat का Flow Low टेम्परेचर से High टेम्परेचर पर नहीं कर सकते है |
द्वितीय नियम के माध्यम से हम इस पेज पर Entropy का कंसेप्ट भी समझेंगे जैसे की Entropy एक Moleculer Disorderness है | जितना ज्यादा Moleculer Disorderness होता है उतनी ही ज्यादा Entropy बडती है | Entropy एक Extensive Property है |
थर्मोडायनेमिक्स का द्वितीय नियम
थर्मोडायनेमिक्स के नियम हमें यह बताते है की Energy और Heat में क्या रिलेशन होता है जैसे यह Thermal एनर्जी और Heat और Other Forms Of Energy के बिच का रिलेशनशिप हमको दर्शाता है | थर्मोडायनेमिक्स के नियम यह भी बताते है एनर्जी किसी भी Matter पर केसे प्रभाव डालती है |
थर्मोडायनेमिक्स का द्वितीय नियम एनर्जी की Quality के बारे में बताता है और द्वितीय नियम यह भी बताता है की Heat एनर्जी को 100 प्रतिशत एफिशिएंसी में मैकेनिकल एनर्जी में नहीं बदला जा सकता है | किसी भी मैकेनिकल प्रोसेस में कुछ न कुछ एनर्जी का लोस होता ही है |
द्वितीय नियम की जरुरत क्यों पड़ी
थर्मोडायनेमिक्स के द्वितीय नियम की जरुरत इसलिए हुई क्योंकि थर्मोडायनेमिक्स के पहले नियम से यह तो पता लगाया गया था की एनर्जी Conserved होती है पर पहले नियम ने प्रोसेस का कोई भी डायरेक्शन नहीं बताया था मतलब की पहले नियम से यह पता नहीं लगाया जा सकता की एनर्जी का Flow कैसे और किस दिशा में हो रहा है |
थर्मोडायनेमिक्स का द्वितीय नियम यह भी बताता है की एनर्जी का Flow किस दिशा में होगा मतलब हमको Particular प्रोसेस का एनर्जी Flow की दिशा बताता है Entropy कंसेप्ट की मदद से इसलिए द्वितीय नियम को डायरेक्शनल Law भी कहा जाता है द्वितीय नियम एक नयी प्रॉपर्टी का परिचय करता है अपने नियम के अन्तराल में जिसे एन्ट्रापी कहते है एन्ट्रापी एक Extensive प्रॉपर्टी है सिस्टम की |
द्वितीय नियम में Heat को low ग्रेड एनर्जी तथा एनर्जी का Disorganised Form भी कहा जाता है और वर्क को हाई ग्रेड एनर्जी और Organised Form एनर्जी भी कहा जाता है | किसी भी प्रोसेस के दौरान यह भी देखा गया की किसी भी Cycle के लिए पूरा Conversion low ग्रेड एनर्जी का हीट का , हाई ग्रेड एनर्जी वर्क में बदलना Impossible है मतलब साइक्लिक प्रोसेस के दौरान पूरी हीट का वर्क में बदलना इम्पॉसिबल है |
थर्मल एनर्जी Reservoir ( TER )
Source क्या होता है – Source वह Reservoir है जो की थर्मल एनर्जी का सप्लाई करता है बिना टेम्परेचर को बदले हुए |
Sink क्या है – सिंक भी एक तरह का Reservior है जो थर्मल एनर्जी को Absorb करता है बिना टेम्परेचर को बदले |
द्वितीय नियम के कथन
थर्मोडायनेमिक्स में द्वितीय नियम के दो कथन है जिसमे पहला है की –
Kelvin Plank का कथन – केल्विन प्लांक का कथन यह कहता है की ऐसी कोई डिवाइस नहीं बनाई जा सकती जिसे Cycle की तरह ऑपरेट किया जा सके और वह लगातार वर्क Produce करे जब हीट का एक्सचेंज केवल और केवल एक ही सिंगल Reservior से हो | ऐसे डिवाइस को PMM – 2 कहते है और PMM – 2 की एफिशिएंसी 100 प्रतिशत होती है क्योंकि PMM-2 इम्पॉसिबल है इसलिए 100 प्रतिशत एफिशिएंसी भी पाना इम्पॉसिबल है |
Heat इंजन – Heat इंजन एक ऐसी डिवाइस है जो हीट के कुछ पार्ट को वर्क में बदलता है और बाकि बची हीट को रिजेक्ट करता है सिंक में और Serrounding में |
द्वितीय नियम का दूसरा कथन है – clausius का कथन –
clausius का कथन यह कहता है की यह असम्बव है की हीट का Transfor Lower टेम्परेचर से हायर टेम्परेचर पर किया जा सके बिना किसी External मदद से |
Refrigerator – Refrigerator वह डिवाइस है जो Lower temperature को Maintain करने के लिए उपयोग की जाती है surrounding टेम्परेचर की तुलना में और जैसा की Lower टेम्परेचर को लगातार Maintain किया जाता है इसलिए Refrigerator को Cycle की तरह Operate किया जाता है |
द्वितीय नियम के माध्यम से एक कंसेप्ट निकल कर आता है जिसे हम एन्ट्रापी कहते है एन्ट्रापी Disorder और Randomness ऑफ़ एनर्जी भी कहा जाता है एन्ट्रापी का फिजिकल meaning यह होता है की एन्ट्रापी एक molecular Measure है Molecular Disorderness का | जितना ज्यादा Disorder होगा उतनी ही ज्यादा एन्ट्रापी होगी और एफिशिएंसी कम होगी एन्ट्रापी एक Extensive प्रॉपर्टी है |
एन्ट्रापी एक प्रॉपर्टी है पर एन्ट्रापी एक Generation प्रॉपर्टी नहीं है एन्ट्रापी जनरेशन एक Path फंक्शन है जिस path की जितनी ज्यादा Irreversibility होती है Path की उतनी ही ज्यादा एन्ट्रापी जनरेशन होता है | एन्ट्रापी Change, External , Interaction और इंटरनल Irreversibility के द्वरा होती है | द्वितीय नियम के आधार पर यह कहा जाता है की वह सब प्रोसेस पॉसिबल है जब एन्ट्रापी Change यूनिवर्स की हमेशा जीरो से ज्यादा और जीरो के बराबर हो
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