इन्टरफेरेंस क्या होता है ? इन्टरफेरेंस से बचने के क्या – क्या मेथड्स होते है
इस पेज पर हम समझेंगे की गियर में इन्टरफेरेंस से बचाव के कोन – कोन से मेथड्स होते है | साथ ही साथ इन्टरफेरेंस क्या होता है और Non- Conjugate Profile क्या होती है किसी भी गियर की इन्टरफेरेंस के बचाव के कई मेथड्स होते है जिससे गियर टीथ में इन्टरफेरेंस को कम किया जा सकता है जैसे अंडर कट गियर करके , प्रेशर कोण का बड़ा कर ,गियर टीथ की Stubbing करके आदि | सभी मेथड्स का उपयोग करके गियर टीथ को इन्टरफेरेंस से बचाया जा सकता है |
गियर में इन्टरफेरेंस से बचाव के मेथड्स
गियर इन्टरफेरेंस क्या है
जब भी दो गियर में आपस में Non-Conjugate मेटिंग होती है मतलब वो दो गियर जो पॉवर ट्रांसमिट करें पर उन गियर की मेटिंग Non-Conjugate की तरह तो ऐसे गियर इन्टरफेरेंस पैदा करते है |
इसमें Non-Conjugate मेटिंग का मतलब यह होता है की जब दो पॉवर ट्रांसमिशन गियर या गियर प्रोफाइल लॉ ऑफ गियरिंग को Follow नहीं करती है ऐसी गियर प्रोफाइल को Non-Conjugate प्रोफाइल कहते है |
गियर में इन्टरफेरेंस के बचाव के मेथड्स
गियर में इन्टरफेरेंस के बचाव के लिए कई प्रकार के मेथड्स का उपयोग किया जाता है जिससे गियर में इन्टरफेरेंस न हो कुछ इस प्रकार है –
अंडर कट गियर्स
यह मेथड गियर को इन्टरफेरेंस से बचाता है पर इस अंडर कट गियर्स मेथड से जो टूथ होता है उसकी Strength कम हो जाती है टूथ Root पर मतलब गियर टूथ की जो Root है उसकी Strength कम हो जाती है अंडर कट से | अंडर कट गियर्स की limitation होती है की उसको सिर्फ Low पॉवर ट्रांसमिशन में ही उपयोग किये जाते है
गियर में अंडर कट कटिंग टूल के द्वारा Manufacturing के समय ही प्रदान किया जाता है | मीडियम से हाई पॉवर ट्रांसमिशन के लिए इन्टरफेरेंस बचाव के मेथड्स है |जैसे सबसे पहले गियर का प्रेशर कोण को बडाया जाता है ɸ को प्रेशर कोण कहा जाता है प्रेशर कोण को बड़ाने की लिमिट होती है जैसे प्रेशर कोण को 20 से 25 डिग्री के मध्य ही रखा जाता है इससे ज्यादा इसे नहीं बड़ाया जा सकता |
प्रेशर कोण को बड़ाने पर Base Circle कम होता है जैसे ही Base Circle कम होता है Non- Involute पोर्शन भी घटता है Non- Involute पोर्शन वह पोर्शन होता है जो की लॉ ऑफ गियरिंग को Satisfied नहीं करता है | ɸ के बड़ते ही Base Circle घटता है और इन्टरफेरेंस भी कम हो जाता है और घट जाता है |
इन्टरफेरेंस को कम करने के लिए टीथ की स्टब्बिंग भी की जाती है जब भी किसी गियर टीथ की स्टब्बिंग की जाती है तब उस गियर टीथ का प्रेशर कोण नहीं बदलता है , प्रेशर कोण स्टब्बिंग से प्रभावित नहीं होता है | स्टब्बिंग से गियर टीथ का Addendum Circle रेडियस कम होता है स्टब्बिंग से Pathऑफ कांटेक्ट गियर टीथ के बीच कम होता है साथ ही साथ स्टब्बिंग से गियर टीथ का Arc ऑफ Contact भी कम होता है था Contact Ratio भी घटता है | ये सभी फैक्टर्स स्टब्बिंग से घटते है जिसके कारण गियर टीथ के बीच इन्टरफेरेंस भी कम होता है |
गियर टीथ के बीच इन्टरफेरेंस को कम करने के लिए गियर टीथ की संख्या को भी बड़ाया जा सकता है जब भी किसी गियर टीथ की संख्या को बड़ाया जाता है तब उस गियर टीथ का प्रेशर कोण नहीं बदलता है टीथ की संख्या बड़ाने पर प्रेशर कोण समान ही रहता है | टीथ की संख्या बड़ाने पर Addendum घटता है गियर का साथ ही साथ Addendum सर्किल रेडियस भी घटता है टीथ की संख्या बडाने पर Circular Pitch भी कम होती है गियर टीथ की | और टीथ की संख्या बड़ाने पर Contact Ratio भी बड़ता है |
इन सभी फैक्टर्स के कम होने पर और Contact Ratio के बड़ाने पर इन्टरफेरेंस गियर टीथ का कम होता है इन्टरफेरेंस को कम करने के लिए टीथ प्रोफाइल को भी Modifie किया जाता है किसी भी गियर टीथ में इन्टरफेरेंस टीथ के टॉप पर होता है या टीथ के बॉटम पर होता है इसलिए टीथ की प्रोफाइल को तीन भागो में बांटा जाता है बीच वाली टीथ प्रोफाइल के लिए Involute प्रोफाइल को सेलेक्ट किया जात है |
Cycloidal प्रोफाइल बनाई जाती है | प्रोफाइल बदलने के बाद गियर टीथ में इन्टरफेरेंस को कम करने के लिए गियर और पिनियन में करेक्ट मिनिमम टीथ की संख्या का सिलेक्शन किया जाता है जैसे की गियर में मिनिमम नंबर कितने होने चाहिए टीथ के जिससे उन के बीच इन्टरफेरेंस न हो |
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