एक्सल मशीन का वह हिस्सा होता है जो मशीन के दूसरे हिस्सों को सपोर्ट देने के काम आता है। एक्सल सभी ऑटोमोबाइल्स में लगाया जाता है। ऑटोमोबाइल्स में एक्सल का use ऑटोमोबाइल्स का लोड या वजन पहियों में ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल होता है। एक्सल का प्रयोग गाड़ी के घूमने वाले पुर्जे को कनेक्ट या सपोर्ट करने के लिए भी किया जाता है जैसे की गाड़ी के पहिए। एक्सल किसी भी प्रकार की पावर या मोशन या फिर टॉर्क को ट्रांसफर नहीं करता।
एक्सल असेंबली में शाफ्ट होती है जो पावर ट्रांसफर करती है shaft बेयरिंग के अंदर सेट होती है। शाफ्ट और बेयरिंग एक्सल की केसिंग के अंदर फिट रहती है। केसिंग से बाहरी प्रदूषण धूल मिट्टी से बचाव होता है साथ ही साथ एक्सल शाफ्ट को भी फिक्स सपोर्ट मिलता है।
एक्सल का प्रकार
लोकेशन के आधार पर
फ्रंट एक्सल
फ्रंट एक्सल को गाड़ियों के आगे के हिस्से में लगाया जाता है यह एक्सल गाड़ी के स्टीयरिंग सिस्टम को ऑपरेट कराने में मदद करता है।
रियर Axle
रियर एक्सल को गाड़ियों के पिछले हिस्से में लगाया जाता है। इस प्रकार के एक्सल को गाड़ियों के पावर को पहियों तक ट्रांसफर करने में यूज़ किया जाता है। इस प्रकार के एक्सल दो हिस्सों में बटे हुए होते हैं । दोनों हिस्सों के आखिरी छोर डिफरेंशियल के द्वारा जुड़े हुए रहते है।
फ्रंट एक्सल के प्रकार
लाइव एक्सल
लाइव एक्सल वह एक्सल होता है जिसके द्वारा पावर को gearbox से पहियों में ट्रांसफर किया जाता है। लाइव एक्सल में एक्सल शाफ्ट पहियों के साथ घूमती है।
डेड एक्सल
डेड एक्सल वह एक्सल होता है जिसको केवल ऑटोमोबाइल्स या गाड़ियों के वजन को पहियों में ट्रांसफर करने में इस्तेमाल किया जाता है। डेड एक्सल मैं एक्सल शाफ्ट पहियों के साथ घूमती नहीं है।
Rear axle के प्रकार
Full floating axle
Full floating एक्सल मैं एक्सल शाफ्ट flange या व्हील हब से जुड़ी हुई होती है। फ्लेंज या व्हील हब का ऊपरी भाग या केसिंग सस्पेंशन सिस्टम से जुड़ा हुआ होता है। flange या wheel hub की केसिंग के अंदर दो रोलर बेयरिंग लगी हुई होती है रोलर बेयरिंग के अंदर से एक्सेल शाफ्ट व्हील हब या flange से जुड़ी हुई होती। इस प्रकार के एक्सेल में एक्सेल सिर्फ टॉर्क ट्रांसफर करता है वही गाड़ी का वजन सस्पेंशन सिस्टम से होते हुए सीधे व्हील हब या फ्लेंज में ट्रांसफर हो जाता है । इस प्रकार के एक्सेल में गाड़ी का लोड एक्सेल पर नहीं आता जिस कारण से एक्सेल में bending नहीं होती है। इस प्रकार के एक्सेल को हैवी कमर्शियल व्हीकल मे यूज किया जाता है।
Semi फ्लोटिंग axle
सेमी फ्लोटिंग एक्सेल में एक्सेल शाफ्ट flange या व्हील हब से जुड़ी हुई होती है । semi floating एक्सल में एक्सल शाफ्ट पर एक बेयरिंग लगी हुई होती है । बेयरिंग का ऊपरी भाग एक्सल केसिंग से जुड़ा हुआ होता है। इस प्रकार के एक्सल में गाड़ी का वजन सस्पेंशन सिस्टम के द्वारा एक्सल केसिंग में ट्रांसफर होता है और एक्सल केसिंग के द्वारा व्हील में ट्रांसफर होता है। इस प्रकार के एक्सेल में गाड़ी का लोड एक्सल पर आता है जिस कारण से एक्सेल में bending होती है। इस प्रकार के एक्सेल को पैसेंजर कार में यूज किया जाता है।
Three quarter floating axle
थ्री क्वार्टर फ्लोटिंग एक्सल मैं एक्सेल की शाफ्ट फ्लेंज या व्हील हब से जुड़ी हुई होती है। थ्री क्वार्टर फ्लोटिंग एक्सल में गाड़ी का वजन फ्लेंज और एक्सल दोनों में ट्रांसफर होता है।
स्टब एक्सल
Stub Axle फ्रंट एक्सल और फ्रंट व्हील के बीच में लगता है स्टब एक्सल steering system को ऑपरेट कराने में मदद करता है। स्टब एक्सल फ्रंट एक्सल के लेफ्ट एंड राइट दोनों तरफ के हिस्सों में लगता है। स्टब एक्सेल के चार प्रकार होते हैं।
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