इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी क्या है ? संरचना | वर्किंग सिद्धान्त | प्रकार
आज के इस टॉपिक में हम इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी ( Electron Microscope ) के बारे में समझेंगे जिसमे हम यह समझेंगे की इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी क्या होती है इसकी खोज किसने की थी इसका सिद्धान्त ( Principle ) क्या होता है तथा इसकी संरचना किस प्रकार की होती है तथा इसमें हम यह भी समझेंगे की इसका उपयोग कहा किया जाता है और इसके ( Electron Microscope ) कितने प्रकार ( Type ) होते है | इन सभी बातों को हम समझेंगे तो चलिए समझना Start कर देते है |
इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी ( Electron Microscope )
इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी एक ऐसा Instrument होता है जिसकी Help से छोटे –छोटे कणों तथा छोटे –छोटे जीवाणुओं , बैक्टीरिया , तथा Virus आदि को देखा जा सकता है इसकी Help से उन छोटे आकार के कणों को भी देखा जा सकता है जिनको हम Direct आँखों से नहीं देख सकते है | इनको देखने के लिए इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी में एक विशेष प्रकार का इलेक्ट्रान किरण पुंज ( Electron Beam ) का उपयोग किया जाता है इसलिए इसे इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी कहा जाता है |
सबसे पहले Electron Microscope की खोज जर्मन के एक वैज्ञानिक जिनका नाम Ernst Ruska था उन्होंने सन 1931 में इसकी खोज की थी | यह एक Special टाइप का Microscope होता है जो की Images की High Resolution देता है जिनको Phosphorescent की स्क्रीन पर प्राप्त किया जाता है |
अब हम इसकी संरचना के बारे में समझते है |
इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी की संरचना
इसमें एक कैथोड ( C ) या फिर इसे फिलामेंट भी कहते है लगा होता है यह इलेक्ट्रान का मुख्य Source होता है और यही से एक संकरा Electron Beam निकलता है | इसमें एक Cathode – Ray – Tube भी लगी होती है जिसमे से गुजरते हुए Electron Beam , Condenser Lens तक पहुँचता है | Condenser Lens एक प्रकार का मैग्नेटिक Coil होता है जो की इलेक्ट्रान को Object के तल में कंडेंस करने का काम करता है |
Electron Microscope में एक Objective Lens भी लगा होता है और ये भी एक प्रकार की मैग्नेटिक Coil ही होता है जो की Object की पहली Image को बनाता है यह Intermediate Image होती है जो की आवर्धित होती है | तथा इसके बाद इसमें एक Projector Lens लगा होता है जो की Objective Lens द्वारा उत्पन्न Image को आवर्धित करता है |
तथा इसके बाद इसमें एक Photographic Plate लगा रहता है जो की किसी भी Object के लिए फाइनल Image को प्राप्त करता है इसको Objective Lens तथा Condenser Lens के बीच रखा जाता है इस प्रकार इसकी पूरी सरचना होती है | अब हम इसके वर्किंग सिद्धान्त को समझते है |
इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी का वर्किंग सिद्धान्त
जब कैथोड ( C ) को गर्म किया जाता है तो इससे इलेक्ट्रान का उत्सर्जन होता है अब इन उत्सर्जित इलेक्ट्रान को एनोड ( A ) पर कुछ विभव लगाकर Electron Beam को त्वरित कर एनोड ( A ) से गुजारा जाता है उसके बाद इस Electron Beam को Object ( O ) पर Focus किया जाता है | तथा इस Object को एक Colloidal Slide के Form में लिया जाता है तथा इस प्रकार Object से आना वाला Electron Beam मैग्नेटिक Lens ( L1 ) के द्वारा Image ( I1 ) बनाता है |
अब यह Image पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है और अब जब Image ( I1 ) बन जाता है तो इसके बाद Electron Beam मैग्नेटिक लेंस ( L2 ) के द्वारा Photographic Plate पर अंतिम Image ( I2 ) बनाता है | इस प्रकार यह पूरा Process होता है और हमें किसी भी Object का फाइनल Image ( I2 ) की Form में प्राप्त होता है जिसे Photographic Plate पर प्राप्त किया जा सकता है |
इस प्रकार इस इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी का वर्किंग सिद्धान्त होता है अब हम यह समझते है की इसके कितने प्रकार होते है
इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी के प्रकार
इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी के निम्न प्रकार होते है –
1 . स्कैनिंग इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी
2 . ट्रांसमिशन इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी
3 . प्रतिबिम्ब इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी
आदि इस प्रकार इस सूक्ष्मदर्शी के प्रकार होते है |
Leave a Reply